प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा।
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।
अर्थात ;- अयोध्याजी के राजा श्री रामचंद्रजी को मन में रख कर जो सब काम करता है उसके लिये विष भी अमृत बन जाता है, शत्रु मित्र बन जाते हैं, समुद्र गाय के खुर जितना छोटा हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है।
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बाबाजी का सत्संग सुन एक आदमी ने घर आकर उसने अपनी बीवी को निकाल दिया और नौकरानी से शादी कर ली. रिश्तेदारों ने पूछा ऐसे क्यों कर रहे हो? उसने जवाब दिया :- बाबाजी ने कहा था कि माया छोड़ दो और शान्ति के साथ रहो, तो मैंने वैसा ही किया.
सोनू :- जरूरी नहीं है कि पत्नी अपना गुस्सा लड़-झगड़कर ही निकाले। एक और तरीका है। इस पर मोनू ने पूछा कि... मोनू :- क्या? सोनू :- वह मोटी कच्ची रोटी और सब्जी में बिना नमक डाले भी अपना गुस्सा निकाल सकती है।
वर्मा जी एक कड़क ऑफिसर हैं! स्टाफ अगर लेट आए तो उनको बिलकुल बर्दाश्त नहीं होता ! नियम यह था कि जो भी लेट आएगा वह रजिस्टर पर लेट आने का कारण भी लिखेगा! उस दिन ऑफिस आने पर जब वर्मा जी ने रजिस्टर देखा तो उनका दिमाग ही ख़राब हो गया! तुरंत दस स्टाफ मेंबर्स को केबिन में बुलाया गया! दस स्टाफ मेंबर्स केबिन में लाइन से गर्दन झुका कर खड़े थे…! वर्मा जी की आंखों से अंगारे बरस रहे थे और गुस्से से लाल पीले हो रहे थे! इतने में चपरासी मिठाई का डब्बा लेकर आया… और वर्मा जी को दिया ! वर्मा जी उठे…… आंखें तरेरते हुए सारे स्टाफ को मिठाई हाथ में दी और कहा:- खाओ! किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, पर डर के मारे सभी ने मिठाई खा ली…! “बधाई हो……वर्मा जी चिल्लाए…और कहा:- मुझे बहुत ख़ुशी है कि आज ऑफिस में एक साथ दस स्टाफ मेंबर्स की बीबियां प्रेग्नेंट हैं! और इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि सबकी सोनोग्राफी भी आज ही हुई है! बेवकूफो , रजिस्टर पे लिखते समय यह तो देखो कि ऊपर वाले ने क्या लिखा है? बिना देखे ‘...
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